Followers

Thursday, May 2, 2019

स्याही की परछाई

लिख देते हैं दिल का हाल
हम स्याही में डूबकर
एक ही तो हमदर्द है यह
यह हमारे दुःख दर्द की
दर्द लिखो आँसू लिखो
या इबादत प्यार की
शहनाई की गूँज लिखो
ख़ाली दिल का हाल लिखो
या मुरादें महबूब के लिए
खुद के लिए तन्हाई लिखो
हमराज मेरी बस मेरी कलम
भरने खालीपन कागज का
डूब जाती स्याही में दर्द से
लिखने ग़म और तन्हाई
बनाकर स्याही को परछाई
ख़ुशी और ग़म के अहसास 
लिख देती ज़िंदगी कागज़ पर
लगाकर गले स्याही को
चल देती कलम तड़पकर
दिल की बनकर राजदार
कोरे कागज पर
प्रिय के संदेशे बनकर
कभी खुशियों के गीत बनकर
तो कभी दर्द भरे नगमे लिखकर
एक स्याही ही तो है जो
बन जाती हमदर्द हमेशा 
हमारे अपने सुख-दुख की
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

8 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (04-05-2019) को "सुनो बटोही " (चर्चा अंक-3325) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    ....
    अनीता सैनी

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर सृजन|

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार श्वेता जी

      Delete
  3. सामायिक विषय पर सामायिक रचना सखी।
    बहुत सार्थक।

    ReplyDelete
  4. एक स्याही ही तो है जो
    बन जाती हमदर्द हमेशा
    हमारे अपने सुख-दुख की

    बहुत खूब

    ReplyDelete