सात वचन जो आज लिए हैं
साथी भूल न जाना।
मुश्किल हो जीवन का रास्ता
हरपल साथ निभाना।
मेरी आँखों का बन काजल
साथी सदा दमकना।
खनके चूड़ी पायल कँगना
बिंदिया बन चमकना।
भर चुटकी सिंदूर हाथ में
मेरी माँग सजाना।
सात वचन जो आज लिए हैं
साथी भूल न जाना।
पग कितना भी पथरीला हो
हरपल साथ चलूँगी।
छोडूँगी न हाथ में साजन
छाया बनी रहूँगी।
खुशियों से भर दूँगी झोली
ये दिल नहीं दुखाना।
सात वचन जो आज लिए हैं
साथी भूल न जाना।
छूट गया बाबुल का आँगन
छूटी सखियाँ सारी।
माता का आँचल भी छूटा।
रोती बहना प्यारी।
भाई संग बीते दिनों को
होगा नहीं भुलाना।
सात वचन जो आज लिए हैं
साथी भूल न जाना।
***अनुराधा चौहान'सुधी'***
चित्र गूगल से साभार
बहुत सुंदर गीत अनुराधा जी।
ReplyDeleteसादर।
हार्दिक आभार श्वेता जी
Deleteवाह! क्या खूबसूरत एहसास है।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteमन को छूता मार्मिक,मधुर,प्यारासा गीत!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया
Deleteबहुत सुंदर और हृदय स्पर्शी गीत।
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत अनुराधा जी
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteबहुत ही सुंदर हृदयस्पर्शी सृजन सखी ,सादर नमन आपको
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर गीत आदरणीय दीदी.
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteअति सुंदर रचना ... 💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत सुन्दर ... ऐसे ही साथ बना रहे जीवन इसी प्रेम का नाम है ...
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
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