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Friday, February 28, 2020

दूर क्षितिज के कोने से

दूर क्षितिज के कोने से अब,
सूरज उगने वाला है।
पूरब से जब झाँकी किरणें
बिखरा लाल उजाला है।।

आशा की किरणों से रोशन,
धरती की हर एक गली।
महका रही धरा का आँगन,
मुस्काती हर एक कली।
चमकीली लहरों से खेले,
जैसे कोई ग्वाला है।
दूर क्षितिज के कोने से अब,
सूरज उगने वाला है।

पूरब से जब झाँकी किरणें
बिखरा लाल उजाला है।।
दूर क्षितिज के कोने से अब,
सूरज उगने वाला है।

आँखों में उजियारा भरके,
आलस छीने नव विहान।
उम्मीदों की किरणें देकर,
जीवन का करता निर्माण।
सिंदूरी आभा संग चमके,
मन का सूना आला है।
दूर क्षितिज के कोने से अब,
सूरज उगने वाला है।

पूरब से जब झाँकी किरणें
बिखरा लाल उजाला है।।
दूर क्षितिज के कोने से अब,
सूरज उगने वाला है।

***अनुराधा चौहान*** 
चित्र गूगल से साभार

21 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 29 फरवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीया यशोदा जी।

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  2. वाह ! मनमोहक शब्दावली, प्राकृतिक सुंदरता का खूबसूरत चित्र प्रस्तुत किया है।

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  3. बहुत सुंदर लय बद्ध नव गीत सखी ।

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  4. आँखों में उजियारा भरके,
    आलस छीने नव विहान।
    उम्मीदों की किरणें देकर,
    जीवन का करता निर्माण।
    सिंदूरी आभा संग चमके,
    मन का सूना आला है।
    दूर क्षितिज के कोने से अब,
    सूरज उगने वाला है।
    वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर लाजवाब नवगीत।

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  5. बहुत ही अच्छा नवगीत... सभी पंक्तियां बेहद खूबसूरत बन पड़ी है

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  6. दूर करे मन के अंधेरे
    और हृदय संताप हरे
    नन्ही नन्ही किरणों से
    तन मन सब उजियाला है
    दूर क्षितिज के कोने से अब
    सूरज उगने वाला है ।।।
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..संदेश देता सुन्दर सृजन आदरणीया 👌👌👌👌👌

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  7. दूर क्षितिज के कोने से अब,
    सूरज उगने वाला है।
    वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर लाजवाब

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  8. हार्दिक आभार आदरणीया

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  9. वाह क्या बात।बहुत सुंदर रचना सखी।

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  10. वाह!बहुत खूबसूरत स।जन सखी ।

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  11. पूरब से जब झाँकी किरणें
    बिखरा लाल उजाला है।।
    दूर क्षितिज के कोने से अब,
    सूरज उगने वाला है।

    आशा और उम्मीद की किरणें जल्द ही निकलेगी ,सुंदर सृजन सखी ,सादर नमन

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  12. बहुत सुंदर रचना अनुराधा जी।
    सुंदर नवगीत।

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    1. हार्दिक आभार श्वेता जी

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  13. वाह! लाजवाब सृजन आदरणीया दीदी.
    सादर

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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