Followers

Thursday, July 15, 2021

हाइकु-२


 1
चाँद का बिंब
सजन के नैन में ~
पुष्प सुगंध
2
चिकित्सालय~
पुरानी पोटली में
नीम के पत्ते ।
3
कस्तूरी गंध
कानन कंदरा में~
अहेरी लाश
4
हिना के पात -- 
दुल्हन आँगन में
शहीद पिया ।
5
पतंगबाज~
पखेरू का पखौटा
मांझे में फँसा
6
श्वेत शिला में
अंकित प्रेम कथा~
ताजमहल ।
7
वृद्ध की थैली- 
सरसों साग संग
मक्के की रोटी
8
भोर की बेला-
आँगन के नीड़ में
नन्हे परिंदे 
9
बच्चे के हाथ 
पटबीजना पंख ~
रात्रि प्रहर
10
नल की टोंटी
पर बैठी चिड़िया ~
निर्जन गली
11
माटी की झुग्गी~
द्वार पे काढ़ती माँ
गेरू के चित्र।
12
खेल मैदान~
कीलाल के छत्ते को
जा लगी गेंद।
13
शराब गंध~
दुल्हन ने रोक दी
फेरे की रस्म।
14
दाह संस्कार~
पति लिए हाथों में
मोगरा लड़ी।
15
अचार गंध~
बालिका के हाथ में
मिट्टी का घड़ा 
16
माँ की गोद से
राह पे गिरा शिशु~
पटाखा ध्वनि।
17
धान के खेत~
पत्नी की टोकरी से
मिष्ठान गंध।
18
धूल की गंध ~
अबोध के हाथ में
छैनी-हथौड़ी।
19
भोर की बेला~
शादी के दिन पर्चा
दे रही वधू ।
20
पूस की रात~
अखबार ओढ़ के
सोता बालक।
21
जेठ मध्यान्ह~
किले की प्राचीर पे
दिव्यांग जोड़ी
22
पूस की रात~
बाला लेकर बैठी
 बर्तन ढेर
23
दादी का कक्ष~
माटी की गुल्लक में
सिक्के की ध्वनि।
24
भोर की बेला~
चौके से आती ध्वनि  
झपताल की।
25
भोज्य सामग्री
उद्रगविमान में~
नदी में शव
26
भोर की बेला~
पोता करे दादा के 
चरणस्पर्श।
27
घर में सर्प~
मेले से सपेरे की
गूँजती बीन।
28
बाल उद्यान~
कबूतर शव पे
मुँगी का झुंड।
29
जेठ मध्यान्ह~
नन्हे शिशु संग माँ 
चूड़ी बेचती।
30
चौंका से आती
तिल गुड़ की गंध~
कुहासा भोर।
31
विवाहोत्सव~
तोहफे में निकली
प्याज टोकरी।
32
शरद साँझ~
भुने हरबरा की
कौड़ा से गंध।
33
कुहासा भोर~
सड़क पे बिखरी
हिमगुलिका।
34
कुहासा भोर ~
दहकते लोहे पे
हथोड़ी चोट।
35
अलकनंदा~
धार मध्य पकड़े
भाई को बाला।
36
संध्या लालिमा~
झरोखे से झाँकती
नव ब्याहता।
©© अनुराधा चौहान'सुधी'✍️
चित्र गूगल से साभार

No comments:

Post a Comment