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Saturday, April 6, 2019

बिगुल बज उठा

लो फिर बिगुल बज उठा
तारीफों का शोर मचा
अपने मुंह सब मियां मिट्ठू
नचाते सब हथेली पर लट्टू

आजकल हो रहे बड़े मेहरबान
मत से मतलब मतदान हैं पास
वोटों की खातिर हैं अभी लगाव
पास में आ गए हैं अब चुनाव

मत दो या मत दो
पर कर्तव्य का पालन करो
मत मतदाता का अधिकार है
हो सके तो मत का दान करो

देखो,सोचो और समझो
वोट देने का हक न छोड़ो
सही समझो और सही चुनो
मतदान करो हाँ जरूर करो

बड़े बड़े वादे बड़े बड़े नाम
कैसे भी सभी को जीतना है चुनाव
वोटों की राजनीति में लगे सब
बातें हैं बड़ी-बड़ी काम हैं कम
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

12 comments:

  1. वाहः बहुत उम्दा

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  2. पास आ गए हैं चुनाव बिगुल बज उठा है
    चुनावी माहौल पर अच्छी प्रस्तुति

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  3. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" l में लिंक की गई है। https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2019/04/116.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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  4. लो फिर बिगुल बज उठा
    तारीफों का शोर मचा
    अपने मुंह सब मियां मिट्ठू
    नचाते सब हथेली पर लट्टू...
    समसामयिक विषय पर सुखद व सुन्दर अभिव्यक्ति । बहुत-बहुत बधाई आदरणीय अनुराधा जी।

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  5. टीवी पर हरदम कांव-कांव, सड़कों पर हरदम कांव-कांव,
    जो नेता जी टें बोल गए, मरघट में करते, कांव-कांव.

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  6. समय परक,
    माहौल और कर्तव्य दोनों का भान करवाती रचना।

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