ढोल नगाड़े धूम मचाकर
राम सिया जय गाएंगे।
आस अधूरी होती पूरी
घर घर दीप जलाएंगे।
सदियों से ये संघर्ष चला
आज धर्म फिर विजय हुआ।
अयोध्या की छवि अति सुंदर
खुशी लहर ने हृदय छुआ।
राम पधारेंगे अब अँगना
सारा शहर सजाएंगे।
सरयु किनारे भव्य राम का
मंदिर होगा अति सुंदर।
राम लला तंबू से उठकर
पहुँचेंगे घर के अंदर।
सदियों का वनवास भोग के
राम लला घर आएंगे।
धर्म पताका जब भी फहरी
सतयुग का आरंभ हुआ।
राम हरेंगे सबकी पीड़ा
करो हृदय से यही दुआ।
अयोध्या सजी राम रंग में
मंदिर वहीं बनाएंगे।
***अनुराधा चौहान'सुधी'***
ढोल नगाड़े धूम मचाकर
ReplyDeleteराम सिया जय गाएंगे।
आस अधूरी होती पूरी
घर घर दीप जलाएंगे।
जय जय श्री राम।
ReplyDeleteजय श्री राम
Deleteमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 6 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हार्दिक आभार आदरणीय
Deleteआदरणीया मैम,
ReplyDeleteप्रभु के घर आगमन के उपलक्ष में बहुत ही सुंदर कविता।
मन में उत्सव का आनंद और नई सुबह को आशा भरती हुई बहुत प्यारी कविता।
साथ ही साथ, एक अनुरोध भी कि आप मेरे ब्लॉग पर भी आइये जहां मैं अपनी स्वरचित कविताएँ डालती हूँ। हृदय से आभार।
हार्दिक आभार अंनता जी
Deleteसुंदर सृजन ।
ReplyDeleteसादर ।
हार्दिक आभार आदरणीय
Deleteहार्दिक आभार सखी
ReplyDeleteवर्षों से दबे-ढंके सपनों को पूरा करने का समय आ ही गया ! सौभाग्यशाली हैं हम जो इस वैभवशाली पल के साक्षी बन पाए
ReplyDeleteजी!हार्दिक आभार आदरणीय
Deleteधर्म पताका जब भी फहरी
ReplyDeleteसतयुग का आरंभ हुआ।
राम हरेंगे सबकी पीड़ा
करो हृदय से यही दुआ।
अयोध्या सजी राम रंग में
मंदिर वहीं बनाएंगे।
बहुत सुंदर,जय श्री राम
हार्दिक आभार सखी
Deleteसामयिक प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
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