मेरे साथी मेरे हमसफर
मेरा प्यार बनकर
तुम आए हो मेरी जिंदगी में
पूनम का चाँद बनकर
तुम माथे की बिंदिया
मेरा श्रृंगार हो
मेरे मुस्कुराहटों की
वजह भी तुम हो
तुमसे ही मेरी जिंदगी में
आई यह बहार है
मेरे अंधेरे जीवन का
तुम प्रकाश हो
अब राह कितनी भी लंबी
या कांटों भरी रहे
जब हाथ तेरा हो हाथ में
सफर यूं हीं चलता रहे
चाँद के संग जैसे जुड़ी है चाँदनी
साथ मेरा साए सा
तुझ संग जुड़ा रहे
तेरे दु:ख की कभी भी
मैं न वजह बनूं
मुस्कान तेरे चेहरे पे
खिलती सदा रहे
***अनुराधा चौहान***
मेरा प्यार बनकर
तुम आए हो मेरी जिंदगी में
पूनम का चाँद बनकर
तुम माथे की बिंदिया
मेरा श्रृंगार हो
मेरे मुस्कुराहटों की
वजह भी तुम हो
तुमसे ही मेरी जिंदगी में
आई यह बहार है
मेरे अंधेरे जीवन का
तुम प्रकाश हो
अब राह कितनी भी लंबी
या कांटों भरी रहे
जब हाथ तेरा हो हाथ में
सफर यूं हीं चलता रहे
चाँद के संग जैसे जुड़ी है चाँदनी
साथ मेरा साए सा
तुझ संग जुड़ा रहे
तेरे दु:ख की कभी भी
मैं न वजह बनूं
मुस्कान तेरे चेहरे पे
खिलती सदा रहे
***अनुराधा चौहान***
धन्यवाद सखी
ReplyDeleteबहुत मनभावन सखी ,सरस रचना ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सखी
Deleteबहुत ही सुन्दर .....वजह
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार नीतू जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए
DeleteBeautiful ��
ReplyDeleteधन्यवाद भाईसाहब
Deleteसफर यूं हीं चलता रहे
ReplyDeleteचाँद के संग जैसे जुड़ी है चाँदनी
बहुत सुन्दर....
वाह!!!
बहुत बहुत आभार सुधा जी
Deleteवाह!!सखी ,बहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शुभा जी
Deleteबहुत खूबसूरत रचना...
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय अंकित जी
Deleteबहुत खूब। सुंदर रचना ।
ReplyDeleteयूँ ही चले ये ज़िंदगी का सफ़र ... ख़ूबसूरत रचना है ...
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