रंग नहीं रंगोली के पास
एहसासों से सजाई हूँ
तुमने जो फेंके फूल पत्ते
उनको चुन-चुन कर लाई हूँ
बड़े चाव से मैंने सजाई
प्यारी प्यारी सुंदर रंगोली
सुंदर इसमें भाव भरे हैं
बहुत मनभावन मेरी रंगोली
लक्ष्मी मैया अबकी प्रसन्न हो
मेरे घर पर आएंगी
देकर आशीर्वाद मुझे भी
आप जैसा बड़ा बनाएंगी
फिर धूमधाम से में भी
हर बार दीवाली मनाऊंगी
रंग-बिरंगी रंगो से सजाकर
सुंदर रंगोली बनाऊंगी
अच्छे वाले कपड़े पहन
मैं भी दीवाली मनाऊंगी
बोलो दीदी अच्छी है न
यह रंगोली जो मैंने बनाई है
देख कर खुश होगी मैया मेरी
मुनिया ने रंगोली बनाई है
***अनुराधा चौहान***
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 21/10/2018 की बुलेटिन, विरोधाभास - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद शिवम् जी मेरी रचना को बुलेटिन का हिस्सा बनाने के लिए
Deleteवाह!!
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी रचना ।
बहुत बहुत आभार सखी
Deleteरंगोली से शुरुआत है स्वागत की लक्ष्मी माता की कृपा ज़रूर बनेगी ... सुंदर रचना है ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आदरणीय
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ReplyDeleteजी धन्यवाद
Deleteबहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति अनुराधा जी ।
ReplyDeleteखूबसूरत। सपनों के रंगों से सजी यह रंगोली।
ReplyDeleteधन्यवाद विकास जी
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