प्रीत के सुनहरे धागों में
पिरोए भावों के सुंदर मोती
एहसासों के रंग से रंग कर
माला गुंथी मैंने अलबेली
मन के भाव इसके मोती
वाणी हैे इसकी ज्योती
शब्दों का यह सुंदर संसार
साहित्य का आनंद अपार
सुंदर भावों से सजा रहे
यह सफर यूं ही चलता रहे
मन से भावों का झरना बह
नित नया गीत बनता रहे
फैले सुगंध इसकी चहुंओर
प्रीत का गीत बने यह डोर
मन के सुंदर भाव भर कर
लाई यह कविता लिख कर
***अनुराधा चौहान***
जी बहुत बहुत धन्यवाद पम्मी जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए
ReplyDeleteसच्च में बहुत ही सुन्दर कविता लिखकर लाई हैं आप।
ReplyDeleteधन्यवाद प्रकाश जी
Deleteसुंदर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद नीतू जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए
Deleteसुंदर भावों के मोती सखी।
ReplyDeleteअप्रतिम।
बहुत बहुत आभार सखी
Deleteसुन्दर भावों से सजी लाजवाब प्रस्तुति...
ReplyDeleteधन्यवाद सुधा जी
Deleteबहुत, बहुत सुंदर रचना है। पढ़ने में एक रस है।
ReplyDeleteधन्यवाद जी
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